Tuesday 26 March 2013

हिन्दी वेबसाइट के लिए एडसेंस

मैं इस लेख की शुरुआत Mr. Manoj के एक सवाल का उत्तर देते हुए करता हूँ। Mr. Manoj ji ने पूछा था कि Naman ji ब्लॉगर्स किस तरह एडसेंस के ज़रिए हज़ारों डॉलर्स कमाते हैं? इसके कई कारण हैं कि Naman Ji की तरह कई ब्लॉगर्स बहुत सफलता के साथ एडसेंस प्रयोग कर रहे हैं। विश्व में कई ब्लॉगर्स तो ऐसे हैं जो एडसेंस को अपने ब्लॉग पर लगाकर इतना धन कमाते हैं कि आप सोच भी नहीं सकते कि ब्लॉगिंग से इतनी कमाई संभव है। अमित की सफलता के पीछे कई कारण हैं जिनकी चर्चा मैं आगे इस लेखमाला में करूंगा। लेकिन सबसे प्रमुख कारण तो बहुत ही स्पष्ट है; और वो ये कि Naman Ji के पास एक विशाल पाठक वर्ग है। एक लाख से अधिक लोग तो फ़ीडबर्नर के ज़रिए उनका फ़ीड सबस्क्राइब करते हैं।  
हिन्दी के किसी भी ब्लॉग के पास इतनी बड़ी संख्या में सब्सक्राइबर्स नहीं हैं। यदि किसी हिन्दी ब्लॉग का सब्सक्राइबर आंकड़ा एक हज़ार के पार पहुँच जाता है तो उस ब्लॉग को बेहद लोकप्रिय मान लिया जाता है।
एक और बात है; जो कि कड़वी सच्चाई है; ये है कि हिन्दी ब्लॉगिंग में अच्छे पाठकों की भी बहुत कमी है। अभी भी हिन्दी ब्लॉगिंग में टिप्पणियों का लेन-देन इतना हावी है कि गंभीर “पाठक” जैसा कोई वर्ग शायद है ही नहीं –और अगर है तो यह वर्ग बहुत ही छोटा है। हिन्दी ब्लॉगिंग अभी भी बहुत अधिक “टिप्पणी केंद्रित” है। यह एक मूल कारण है कि क्यों हिन्दी ब्लॉग्स सब्सक्राइब करने वाले लोगों की संख्या कम हैं। आपमें से बहुत से लोग मेरी इस बात से शायद सहमत नहीं होंगे –पर मेरा मानना है कि इस बिंदु पर विचार ज़रूर किया जाना चाहिए। ख़ैर, हम वापस गूगल एडसेंस पर आते हैं। अब मैं वो अकेला सबसे बड़ा कारण बताता हूँ जिसकी वजह से एडसेंस हिन्दी ब्लॉगिंग में अब तक सफल नहीं रहा है। कारण यह है कि गूगल एडसेंस हिन्दी भाषा को अभी तक भी समर्थन नहीं देता! इसका क्या आशय है? इसका अर्थ यह है कि आप किसी हिन्दी वेबसाइट के लिए एडसेंस का आवेदन नहीं कर सकते –यदि आप करेंगे तो आपका आवेदन निश्चित-रूप से अस्वीकार कर दिया जाएगा। हाँ आप अपनी किसी अंग्रेज़ी वेबसाइट के ज़रिये एडसेंस लेकर उसे हिन्दी वेबसाइट पर ज़रूर प्रयोग कर सकते हैं। जैसा कि मैनें अपने पिछले लेख में बताया था; गूगल की सफलता के पीछे बहुत बड़ा हाथ उसकी इस क्षमता का रहा है कि गूगल प्रासंगिक विज्ञापन दिखाता है। क्रिकेट से संबंधित सामग्री वाली वेबसाइट पर गूगल क्रिकेट से संबंधित विज्ञापन ही भेजता है। लेकिन अभी गूगल के पास इतने हिन्दी विज्ञापनदाता नहीं हैं कि वह हिन्दी भाषा को समर्थन देना आरम्भ कर सके। भारत की कम्पनियाँ भी अधिकांश विज्ञापन अंग्रेज़ी में ही देती हैं। हालाँकि बहुत धीरे-धीरे ही सही पर यह स्थिति बदल ज़रूर रही है; लेकिन वर्तमान स्थिति का असर यह है कि गूगल के पास “Cricket” शब्द के प्रसंग में तो दिखाने के लिए विज्ञापन होते हैं लेकिन “क्रिकेट” के लिए नहीं! यह सवाल भी पूछा जा सकता है कि “क्रिकेट” से संबंधित सामग्री वाली किसी ब्लॉग पोस्ट पर गूगल “Cricket” वाले विज्ञापन क्यों नहीं दिखा देता? हम इतने अनपढ़ भी नहीं कि “Cricket” ना समझ सकें! भारतीय लोग तो क्रिकेट को किसी भी भाषा में समझ लेते हैं! यह सवाल ठीक है; लेकिन याद रखिए कि गूगल बिज़नेस करने वाली कम्पनी है। वह अभी अपने संसाधनों को इस तरह के जुए में नहीं लगाना चाहती। कुल मिलाकर नतीजा यह होता है कि अगर आपने किसी अंग्रेज़ी सामग्री वाली वेबसाइट के ज़रिये एडसेंस हांसिल करके उसे अपनी हिन्दी वेबसाइट पर लगाया तो आपको कोई अधिक लाभ नहीं होगा। आपकी हिन्दी वेबसाइट पर इतने (और काम के) विज्ञापन आएंगे ही नहीं कि कोई पाठक उन पर क्लिक करना चाहे। बात क्लिक्स की आ गई है तो मैं यह भी बता दूँ कि ऐसा नहीं है कि एडसेंस के ज़रिये आय केवल क्लिक होने पर ही होती है। हर बार जब कोई एडसेंस विज्ञापन आपकी साइट पर दिखता है तो उससे भी आपको आय होती है –लेकिन यह आय इतनी कम होती है कि इसका असर आपको केवल तब महसूस होगा जबकि आपकी साइट के पन्नें लाखों बार देखे जाते हों। इसलिए मूलत: एडसेंस से आय का ज़रिया पाठकों द्वारा विज्ञापनों पर किए गए क्लिक्स ही हैं। अमित अग्रवाल के आर्थिक रूप से एक सफल ब्लॉगर बनने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि वे अंग्रेज़ी में लिखते हैं और एक ऐसे विषय के बारे में लिखते हैं जिसकी इंटरनेट पर बहुत मांग है। थोड़ा और आगे बढ़ते हैं। अभी तो हिन्दी की वेबसाइट्स एडसेंस का वैसा लाभ नहीं उठा सकतीं जैसा कि अंग्रेज़ी वेबसाइट्स उठाती हैं –लेकिन ऐसा भी नहीं है कि आप एडसेंस से बिल्कुल भी आय हांसिल नहीं कर सकते। हिन्दी में भी कुछ ब्लॉगर्स ऐसे हैं जो एडसेंस के ज़रिए ठीक-ठाक आय कर रहे हैं। पर इसके लिए वे बहुत मेहनत करते हैं। एडसेंस के ज़रिए आय के लिए लगातार, बहुत सारी और अच्छी पाठ्य सामग्री का आपके ब्लॉग पर आते रहना बेहद आवश्यक है।

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